Types Of Electricity Connection: जब भी हमें घरेलू उपयोग के लिए बिजली का कनेक्शन लेना होता है तो कनेक्शन ऑफिस पर जाकर हम कनेक्शन ले लेते हैं लेकिन हमें नहीं पता होता कि हमने जो कनेक्शन लिया है वह कनेक्शन किस प्रकार का कनेक्शन है?
कितनी हमें बिजली की आवश्यकता है और हमें कितनी बिजली इस कलेक्शन पर मिलेगी इन सब बातों का हम ध्यान नहीं देते और कनेक्शन ले लेते हैं।
ऐसी स्थिति में बिजली वितरण कंपनी को तो नुकसान नहीं होता लेकिन उपभोक्ता यानी कि आप अनजाने में आवश्यकता से अधिक बिजली का बिल देते हैं। तो हमें क्या करना चाहिए की बिजली का केवल उतना ही बिल भुगतान करें जितना कि हम इस्तेमाल करते हैं।
इस स्थिति में दो तरह के सवाल बनते हैं सबसे पहले यदि हम बिजली की खपत ज्यादा करेंगे तो हमें भुगतान भी ज्यादा करना होगा और दूसरी स्थिति यह है कि जब हमने कनेक्शन लिया था तो हमें कितनी बिजली की सप्लाई मिल रही थी।
आमतौर पर घरों में आने वाली बिजली की सप्लाई 230 वोल्ट होती है। लेकिन यदि आपके घर की खपत अधिक है तो आप इससे अधिक सप्लाई के बिजली का कनेक्शन ले सकते हैं जिससे कि आप के बिजली का बिल बढ़ जाएगा।
आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे भारत में बिजली कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं और कौन से कलेक्शन हमें अपने घर पर लगवाना चाहिए ताकि कम से कम बिजली का बिल भुगतान करना पड़े।
बिजली कनेक्शन के प्रकार
बिजली कनेक्शन के प्रकार को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है पहला वोल्टेज के अनुसार और दूसरा बिजली के इस्तेमाल के अनुसार। सबसे पहले बात करते हैं वोल्टेज के अनुसार बांटी गई बिजली के बारे में।
- Connection Based On Voltage
- Connection Based On Uses
Connection Based On Voltage
वोल्टेज के अनुसार बिजली कनेक्शन को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है-
LT Connection: LT कनेक्शन दो प्रकार के होते हैं Single Phase LT Connection और Three Phase LT Connection. दोनो कनेक्शन में अंतर केवल पावर सप्लाई का है। पहले वाले कनेक्शन में 230 V पावर सप्लाई आती है जो साधारणतः घरों के लिए पर्याप्त होती है।
सिंगल फेज पावर सप्लाई सामान्य रूप से हर घर के लिए प्रयाप्त होती है। इस पावर सप्लाई में 7500 kw की पावर सप्लाई दी जाती है। और इस सप्लाई सिंगल फेज इसलिए कहते हैं क्युकी इस पावर सप्लाई में 2 वायर होते हैं जिसमे एक वायर को फेस और दूसरे वायर को उदासीन कहते हैं।

वहीँ दूसरे वाले कनेक्शन में 400 V की सप्लाई दी जाती है। इसका प्रयोग लघु उद्योग में हो सकता है लेकिन आपके घर में बिजली की खपत ज्यादा है तो आप इस पावर सप्लाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। और अगर हम LT Connection के फुल फॉर्म की बात करें तो LT मतलब होता है Low Tension.
थ्री फेज कनेक्शन में पावर सप्लाई 4 तारों के द्वारा दी जाती है। जिसमे किसी एक वायर को फेज और बाकी सभी वायर को nutural कर दिया जाता है।
HT Connection: HT कनेक्शन का फुल फॉर्म High Tension होता है जो की LT का उल्टा है। वहां पर कम पावर सप्लाई की जा रही थी और इस टाइप की सप्लाई में वोल्टेज काफी मात्रा में दिया जाता है। 11000 V से 33000 V की सप्लाई इस इस प्रकार के कनेक्शन में दी जाती है जिसका उपयोग इंडस्ट्रीज में किया जाता है।
Connection Based On Uses
उपयोग के आधार पर कनेक्शन को तीन अलग-अलग भागों में बांटा गया है –
- Domestic Connection (घरेलु)
- Commercial Connection (व्यावसायिक)
- Industrial Connection (औद्योगिक)
Domestic Connection (घरेलु कनेक्शन): घरेलु कनेक्शन में पावर की सप्लाई बहुत ही कम होती है। आम तौर कर 230V की पावर सप्लाई घरेलु कनेक्शन में दी जाती है। जिसे हम LT Connection कहते है। और ये पावर सप्लाई सिंगल फेज होती है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि LT Connection को ही हम घरेलु कनेक्शन कहते हैं। 3 फेज पावर सप्लाई को भी घरेलु पावर सप्लाई में लिया जा सकता है। जिसका उपयोग अधिक पावर सप्लाई की आवश्यकता होने पर करते हैं।
Commercial Connection (व्यावसायिक कनेक्शन): आपको नाम से ही पता चल गया होगा की इस कनेक्शन का उपयोग वयवस्याओं के लिए किया जाता होगा। इस कनेक्शन में पावर सप्लाई काफी अधिक होती है। आवश्यकता अनुसार पावर सप्लाई बढ़ाने या घटाने के लिए आवेदन भी किया जा सकता है। इस श्रेणी की सप्लाई तब लेनी चाहिए जब आप कोई फैक्ट्री, या कोई दुकान आदि चलते हों।
Industrial Connection (औद्योगिक): इस कनेक्शन के नाम से ही हमें कनेक्शन के बारे में पता चल जा रहा है। इसका उपयोग बड़े व्यसायों जैसे इंडस्ट्री आदि में जहाँ बहुत सारी मशीने एक साथ काम करती हैं वहां पर इंडस्ट्रियल कनेक्शन लिया जाता है। इस प्रकार के कनेक्शन में पावर सप्लाई बहुत ज्यादा होती है। किसी भी इंडस्ट्रियल सप्लाई में। कम से कम 600 की पावर सप्लाई दी जाती है।
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Some Important Faqs Related To Electricity Connection
बिजली का नया कनेक्शन लेने में कितना खर्च आता है?
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो, आप तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन लेने में काम से काम 2000 रूपए का खर्च आता है। जिसमे आपको कुछ इलेक्ट्रिक उपकरण भी दिए जाते हैं जैसे की बोर्ड आदि।
फ्री बिजली कनेक्शन कैसे मिलेगा?
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो उत्तर प्रदेश फ्री बिजली कनेक्शन योजना के अंतर्गत आप फ्री कनेक्शन ले सकते हैं। फ्री कनेक्शन लेने की कुछ पात्रता है –
1.सबसे पहले आप उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी होने चाहिए।
2.केवल गरीब परिवार जो BPL श्रेणी में आते हैं उन्हें ही फ्री कनेक्शन मिल सकेगा।
3.परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
4.आवेदन के समय आधार कार्ड , पैन कार्ड , राशन कार्ड , आदि डाक्यूमेंट्स लग सकते हैं।
अपने नाम से बिजली कनेक्शन कैसे चेक करें?
अगर आप नाम से बिजली का बिल चेक करना चाहते हैं तो ऑनलाइन नहीं चेक कर पाएंगे। लेकिन अपने नजदीकी कनेक्शन ऑफिस में जाकर अपने आधार कार्ड के द्वारा अपना बिल नंबर या अकाउंट नंबर निकलवा सकते हैं। अकाउंट नंबर मिल जाने के बाद आप बिजली का बिल ऑनलाइन माध्यम से सकते हैं।
राजस्थान में बिजली कनेक्शन कैसे ले?
जिस प्रकार हर एक राज्य में कनेक्शन के लिए आवेदन करना पड़ता हैं उसी प्रकार राजस्थान में भी बिजली का कनेक्शन लेने के लिए नजदीकी कनेक्शन ऑफिस जाकर आवेदन करना पड़ता है। आवेदन करने के बाद कनेक्शन फीस दें और आपका कनेक्शन हो जाएगा।
कनेक्शन कैसे चेक करें?
कनेक्शन चेक करने के लिए आपके पास अगर अकाउंट नहीं है तो सबसे पहले आपको अकाउंट नंबर पता करना होगा। इसके लिए आप हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
यदि आपके घर में मीटर लगा है तो आपका मीटर आपके कनेक्शन नंबर पर ही अलॉट होता है तो मीटर नंबर को बताकर अकाउंट नंबर का पता लगाया जा सकता है।