Types Of Wiring:यदि आपको अपने घर की वायरिंग करानी है तो आप किस्से कराएंगे? हमारे इंडिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने घरों की वायरिंग बिना किसी की हेल्प करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा देखने को मिलता है।
लेकिन क्या आपको पता है यदि आपके घर की वायरिंग के लिए सही तकनीक का इस्तेमाल ना किया गया हो तो वायरिंग पर आने वाला खर्च बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में हमेशा वायरिंग के लिए हमेशा एक्सपर्ट का सहारा लेना चाहिए।
यदि आपके घर की वायरिंग के लिए सही तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया हो तो घर में आने वाला वोल्टेज कम हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खराब होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में इंडिया में वायरिंग कितने प्रकार की होती है, आपके घरों के लिए सबसे अच्छी होती है। और वायरिंग पर आने वाले खर्च के बारे में इस आर्टिकल में हम बात करेंगे।
Types Of Wiring | वायरिंग के प्रकार
मुख्य रूप से वायरिंग के बारे में बात करें तो इंडिया में वायरिंग की दो से तीन प्रकार हैं प्रसिद्ध है लेकिन जहां पर हम करीब घर में वायरिंग करने के तरीकों को जानेंगे-
- क्लिट वायरिंग
- सी.टी.एस वायरिंग
- केसिंग केपिंग वायरिंग
- लैड शीथ्ड वायरिंग (Lead Sheathed Wiring)
- कंड्यूट वायरिंग
- सरफेस वायरिंग (Surface Wiring)
- कंसील्ड वायरिंग (Concealed Wiring)
क्लीट वायरिंग
अगर आपके पास पैसे की कमी है तो आप इस वायरिंग तकनीकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वायरिंग तकनीकी बहुत ही सस्ती होती है। मुख्य रूप से इस वायरिंग तकनीक का इस्तेमाल कुछ समय तक काम चलाने के लिए किया जाता है। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल तो करते हैं जब उनके वहां किसी प्रकार का फंक्शन हो।
इस वायरिंग तकनीक में वायर को प्लास्टिक की बनी दिल के सहारे दीवाल में लगाया जाता है। क्लीट पर कम से कम दो छेद बने होते हैं। जिनके द्वारा हम तार को क्लीट में फंसा कर दीवार में स्क्रू की मदद से रोक देते हैं।
प्लास्टिक की क्लीट को दिवार पर कील की हेल्प से रोक दिया जाता हैं इस क्लीट में वायर को ले जाने के लिए खचे बने होते हैं। इन खाँचो में तारों की रखकर ऊपर से एक और क्लीट के द्वारा लॉक कर दिया जाता है। जैसा की आप इस इमेज में देख सकते हैं।
यह वायरिंग प्रक्रिया बहुत ही सस्ती होती है इसका इस्तेमाल टेम्पररी किया जाता है। एक क्लीट से दूसरे क्लीट के बीच की दूरी कम से कम आधा मीटर की रखनी चाहिए।

क्लीट वायरिंग के लाभ और हानि
लाभ | हानि |
वायरिंग करना बहुत ही आसान है। | क्लिट वायरिंग परमानेंट नहीं होती है। |
खर्च बहुत कम आता है। | वायर खुले होते हैं जिसके कारण उन पर मौसम का असर पड़ता है। |
समय की बचत होती है। | वायर के जल्दी खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। |
सी.टी.एस वायरिंग
इस प्रकार की वायरिंग तकनीक बहुत सस्ती होती है। इस प्रकार की वायरिंग मुख्य रूप से ठंडे स्थानों पर कराई जाती है क्योंकि इस प्रकार की वायरिंग वाष्प या ज्यादा गर्मी को नहीं झेल पाती है। इस वायरिंग के लिए सी०टी०सी० या पी०वी०सी० वायर का उपयोग किया जाता है। लकड़ी के पैटर्न, टिन या तांबे से बनी क्लिप का उपयोग करके इस प्रकार की वायरिंग की जाती है।
केसिंग केपिंग वायरिंग
इस प्रकार की वायरिंग तकनीकी में प्लास्टिक के केसिंग का इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में बहुत सी कंपनियों के केसिंग उपलब्ध हैं। ये केसिंग कैप के साथ आते हैं। सबसे पहले इन केसिंग को दिवार में क्लिप के हेल्प से फिट कर लेते हैं। इसके बाद इनके अंदर से वायर को गुजरते हैं। कासिंग के अंदर दो अलग अलग नाली के आकर बने होते हैं। पॉजिटिव और नेगेटिव तार को ध्यान से इन नालियों के बिच से गुजरें। और कैप के द्वारा इन्हे ढक दें।

इस प्रकर की वायरिंग में खर्च पहले वाले वायरिंग के मुकाबले अधिक आता हैं लेकिन अगर वैसे खर्च की बात करें तो ये वायरिंग सबसे सस्ती है और काफी ज्यादा इस्तेमाल में लायी जाती है क्युकी इस प्रकार की वायरिंग किसी भी प्रकार के मकान पर बहुत ही आसानी से की जाती है। ज्यादातर इस वायरिंग का इस्तेमाल पुराने घरों में किया जाता है। क्युकी इसे केवल क्लिप के हेल्प से दिवार में फिक्स करके वायर को इनके बिच से ले जाना है।
लैड शीथ्ड वायरिंग (Lead Sheathed Wiring)
इस प्रकार की वायरिंग प्रक्रिया में पीवीसी वायर या फिर किसी और का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि पीवीसी के तारों के जगह लैड शीथ्ड के तारों वाले कंडक्टर का उपयोग किया जाता है। देखने में या वायरिंग बैटन वायरिंग की तरह ही दिखता है लेकिन तुलना में यह वायरिंग उससे ज्यादा टिकाऊ है। लैड शीथ्ड एक प्रकार का कवर है जो तारों के बीच लीकेज करंट को बहने से बचाता है।

साधारण भाषा में अगर हम बात करें तो नॉर्मल तार के ऊपर लेड यानी कि सीसा इसकी एक परत तारों के ऊपर चढ़ा दी जाती है ताकि जब करंट का फ्लो हो तो यदि कहीं भी लीकेज हो इस स्थिति में यह लैड शीथ्ड का कवर तारों को अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकें।
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कंड्यूट वायरिंग (Conduit Wiring)
घर की वायरिंग तकनीक का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। यह तकनीकी थोड़ी महंगी पड़ती है लेकिन इसके द्वारा की गई वायरिंग काफी दिनों तक चलती है।

इस प्रकार की वायरिंग में पीवीसी पाइप, लोहे का पाइप या स्टील के पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। इस पाइप के अंदर से वायर को गुजारते हैं और आवश्यकतानुसार जहां पर भी हमें कट लगाना होता है वहां पर हम सुविधा अनुसार ब्लेंड, एल्बो, टी शेप, एल शेप के द्वारा पाइप को जोड़ दिया जाता है। यह वायरिंग भी दो प्रकार से की जाती है-
सरफेस वायरिंग (Surface Wiring)
जब हम वायर को दीवार के ऊपर पीवीसी पाइप या फिर अन्य धातु के पाइप का इस्तेमाल करके तारों को इनके बीच से गुजारते हैं। और दीवाल कि बाहर यानी दीवार के ऊपर इन पाइप को क्लिप की सहायता से रोककर वायरिंग की जाती है तो इसे हम सरफेस वायरिंग कहते हैं।
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कंसील्ड वायरिंग (Concealed Wiring)
कंसील्ड वायरिंग प्रक्रिया आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली वायरिंग प्रक्रिया है। कुछ सालों पहले यह प्रक्रिया उतनी प्रचलित नहीं थी बल्कि केसिंग कैपिंग वायरिंग प्रक्रिया ज्यादा उपयोग में लाई जाती थी लेकिन जैसे-जैसे तकनीकी का विस्तार हुआ है उसी प्रकार कंसील्ड वायरिंग की प्रक्रिया ज्यादा अपनाई जाने लगी है।
इस प्रकार की वायरिंग प्रक्रिया में भी धातु या फिर पीवीसी की बनी पाइप का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अंतर सिर्फ इतना है की इस प्रकार की वायरिंग दीवाल के बाहर नहीं बल्कि दीवाल के अंदर की जाती है।
जब घर की छत लगवाई जाती है या फिर दीवार चलाते समय ही पाइप दीवाल के अंदर और छत के अंदर डाल दिया जाता है और बाद में इन पाइप के द्वारा वायर को निकाला जाता है तो इस प्रकार की प्रक्रिया को कंसील्ड वायरिंग प्रक्रिया कहते हैं।
आजकल इस वायरिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल ज्यादातर इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस प्रक्रिया के द्वारा की गई वायरिंग मैं वायर को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती है। अन्य वायरिंग प्रक्रिया की तुलना में तकनीकी द्वारा की गई ज्यादा दिनों तक चलती है।
वायरिंग की टेस्टिंग कैसे करें
वारी की प्रक्रिया कंप्लीट होने के बाद सप्लाई देने से पहले टेस्ट करना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यह किसी भी प्रकार की समस्या जैसे इंसुलेशन, जॉइंट आदि सही से नहीं हुआ है तो पूरी वायरिंग खराब हो सकती है। तो सप्लाई देने से पहले नीचे दिए गए हर एक स्टेप को जरूर फॉलो करें-
- अर्थ और वायरिंग के बीच इन्स्युलेशन टेस्ट जरुर करें।
- तारो के आपस मे इन्स्युलेशन चेक कर लें।
- शॉर्ट सर्किट टेस्ट सबसे जरुरी है क्युकी यह पूरी वायरिंग पर असर दाल सकता है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ख़राब होने का खतरा रहता है
- पोलेरिटी टेस्ट
- अर्थ कंटिन्युती
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में वायरिंग के कितने प्रकार होते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है। यदि आप अपने घर में वायरिंग करना चाहते हैं या फिर वायरिंग के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी। आशा करता हूं आपको जानकारी समझ आएगी।
घरों में किस प्रकार की वायरिंग का उपयोग किया जाता है?
आधुनिक समय में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला वायरिंग कंसील्ड वायरिंग (Concealed Wiring) है। इसका उपयोग सबसे ज्यादा इसलिए किया जाता है क्योंकि इस प्रकार की वायरिंग काफी दिनों तक चलती है और वायरिंग में उपयोग किए गए तार की लाइफ लाइन बहुत अधिक होती है।
किस वायरिंग सिस्टम को अस्थायी वायरिंग के रूप में जाना जाता है?
ऐसी वायरिंग तकनीकी जो केवल कुछ समय के लिए की जाती है यानी कि किसी प्रकार का कोई फंक्शन हो जैसे शादी विवाह, बर्थडे पार्टी, एनुअल फंक्शन आदि पर की जाए उसे यह अस्थायी वायरिंग कहते हैं जैसे:- क्लिट वायरिंग, यह वायरिंग लकड़ी या प्लास्टिक के बने क्लिट की सहायता से की जाती है।
घर में वायरिंग के लिए सबसे अच्छी सामग्री कौन सी है?
कॉपर वायर घर की वायरिंग में आज के समय में सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला वायर है। कुछ दशकों पहले केसिंग कैपिंग वायरिंग बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध थी लेकिन आज के समय में सबसे ज्यादा कंसील्ड वायरिंग कराई जाती है।
पुराने घरों में आमतौर पर किस प्रकार की वायरिंग विधि पाई जाती है?
पुराने घरों में आमतौर पर आपको केसिंग कैपिंग वायरिंग देखने को मिलेगी लेकिन अगर कुछ समय और पीछे आप जाएं तो सबसे ज्यादा आपको क्लिट वायरिंग या टीडीएस वायरिंग का प्रयोग दिखेगा। इसका कारण है कि यह वायरिंग सिस्टम काफी सस्ते होते हैं। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लोग इस प्रकार की वायरिंग का इस्तेमाल करते थे।
सबसे सस्ती वायरिंग कौन सी होती है?
क्लीट वायरिंग सबसे सस्ती वायरिंग की श्रेणी में आती है। इस प्रकार की वायरिंग केवल कुछ समय के लिए कराई जाती है। यह वायरिंग परमानेंट नहीं होता ज्यादातर इस प्रणाली का इस्तेमाल शादी विवाह जैसे समारोह को संपन्न कराने में किया जाता है।
आंतरिक वायरिंग में सबसे सस्ती विधि कौन सी है?
आंतरिक वायरिंग में आधुनिक समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला वायरिंग कंसील्ड वायरिंग (Concealed Wiring) है। इस वायरिंग प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए टिन या सिल्वर की जगह PVC पाइप का इस्तेमाल किया जा सकता है।