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लेड शीथ्ड वायर क्या है?

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लेड शीथ्ड वायर: दोस्तों पिछले कुछ आर्टिकल्स में हमने वायरिंग के अलग-अलग प्रकार के बारे में बात किया जहां पर हमने देखा कि कितने प्रकार की वायरिंग घरों में की जाती है। कुछ वायरिंग टेक्निक पुराने थे, कुछ ऐसे वायरिंग टेक्निक थे जिनका उपयोग कम समय के लिए या फिर काम चलाने के लिए किया जाता था जैसे किसी तरह का फंक्शन हो त्यौहार हो।

और वही कुछ वायरिंग ऐसे थे जिनका हम बहुत ज्यादा उपयोग करते हैं मतलब कि घरों में जब भी हमें वायरिंग करानी होती है हम इसी तरह की वायरिंग का सहारा लेते हैं। किस प्रकार की वायरिंग हमें करानी है और इस वायरिंग में किस तरह का तार लगाया जाता है यह जानना बहुत ही आवश्यक है।

आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं लेड शीथ्ड वायर क्या है इसके बारे में। हम जानेंगे लेड शीथ्ड वायर क्या है और किस प्रकार के वायरिंग के लिए इसका प्रयोग किया जाता है, लेड शीथ्ड वायर कैसे बनाया जाता है इस प्रकार के तार से जुड़ी और भी अनोखी बातें जिसकी वजह से हमें वायरिंग के लिए इस प्रकार के तार का इस्तेमाल करना चाहिए।

लेड शीथ्ड वायर कैसे बनाया जाता है?

लेट शीथ्ड वायर एक ऐसा वायर है जो अन्य वायर की तुलना में ज्यादा मजबूत होता है इसका कारण यह है कि जब इस वायर को बनाया जाता है तो इस वायर पर मुख्य रूप से तीन प्रकार की लेयर चढ़ाई जाती है।

सबसे पहली लेयर टिन धातु की होती है दूसरी लेयर वल्केनाइज्ड इंडियन रबर कुचालक की होती है और सबसे अंतिम लेयर लेड यानी कि शीशा नामक धातु का होता है शीशे की धातु इस वायर के ऊपर इसलिए चढ़ाई जाती है ताकि आंतरिक करंट लीकेज को कम किया जा सके और शीशे की धातु इस वायर को और ज्यादा मजबूत बनाती है।

लेड शीथ्ड वायर

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शीशे का एक्स्ट्रा नियर होने के कारण यह तार आंतरिक रुप से काफी मजबूत होता है और शीशे की इसलिए पर आग का कोई असर नहीं पड़ता जिसकी वजह से यह तार आग से पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है। लैड शीथ्ड वायर का ज्यादातर प्रयोग नमी वाले स्थानों पर किया जाता है क्योंकि शीशे का आवरण होने की व लेटेस्टजह से यह तार वायुमंडल की नमी से प्रभावित नहीं होता और अन्य तारों की तुलना में अधिक क्षमता प्रदान करता है।

लेड शीथ्ड वायर की संरचना

लेड शीथ्ड वायर की संरचना जैसा कि मैंने बताया मुख्य रूप से इसमें तीन प्रकार के लिए चढ़ाए जाते हैं लेकिन अगर हम डिटेल में इसकी बात करें तो इस पर कम से कम 6 लेयर बनाए जाते हैं। इतने लेयर्स बनाने के कारण तार की गुणवत्ता बढ़ जाती है और अधिक मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी ले जाने में यह तार सक्षम बन पाता है। तो चलिए तार के आंतरिक भागों को समझने की कोशिश करते हैं।

1 CORE 2CORE 3CORE AND 4 CORE WIRE

1.धातु की कोर

धातु की कोर तार का वह हिस्सा है जिससे होकर करंट प्रवाहित होती है। यह धात की कोर मुख्य रूप से तांबे की या एलुमिनियम की होती है। धातु की कोर बनाने में हम सिंगल कोर, डबल कोर, ट्रिपल कोर अथवा फोर कोर आदि का इस्तेमाल करते हैं। सिंगल कोर के वायर में धातु की केवल एक मोटी वायर होती है जिसके ऊपर पीवीसी की परत चढ़ा दी जाती है। और यदि यह वायर लेड शीथ्ड है तो इसके ऊपर शीशे की लेयर भी होती है।

इसी प्रकार डबल कोर में एक से अधिक तार होता है और दोनों तारों को अलग-अलग अचानक रबर की सहायता से इंसुलेट किया जाता है ताकि करंट फ्लो के दौरान दोनों में किसी प्रकार का फाल्ट ना हो।

3 कोर वायर में तीन अलग-अलग वायर होते हैं, 4 कोर में चार अलग-अलग वायर होते हैं। हर एक वायर धातु की एक मोटी अथवा धातु की बहुत सारी पतली वायर को एक साथ मिलाकर के बनाई जाती है।

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2. कुचालक आवरण

कुचालक आवरण घाट के ऊपर इस कारण चढ़ाया जाता है ताकि हर एक कोर को अलग अलग रखा जा सके और इसमें किसी प्रकार का फॉल्ट ना हो। यह आवरण धातु की कोर के तुरंत ऊपर चढ़ाया जाता है यह आवरण मुख्य रूप से पीवीसी का बना होता है जिसे हम पॉली विनाइल क्लोराइड कहते हैं।

3. टिन धातु का आवरण

पीवीसी किलियर चढ़ाने के बाद तीन धातु की लेयर तीनों चारों को एक साथ लेकर चढ़ाई जाती है ताकि तार को आंतरिक मजबूती प्राप्त हो सके। यह लेयर तार के अंदर बनने वाले चुंबकीय क्षेत्र को रोकता है और तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने की क्षमता को बढ़ाता है साथ ही यदि हम तार को जमीन के अंदर इस्तेमाल करते हैं तो नमी से बचाने में भी यह लेयर सहायता करता है हालांकि इस लेयर पर जंग लगने की संभावना होती है इसलिए इसके ऊपर एक और लेयर चढ़ाई जाती है।

4. लेड अधातु का आवरण

यह अवतार तार को अधिक से अधिक मजबूती प्रदान करता है चाहे या मजबूती आंतरिक रूप से हो अथवा बाहरी रूप से दोनों तरह से यह आवरण तार को मजबूती प्रदान करता है। शीशे का बनाया आवरण वातावरण के प्रभाव से तार को बचाने में मदद करता है। यह आवरण टिन की धातु के ऊपर चढ़ाया जाता है ताकि तार को लगने वाले जंग से बचाया जा सके।

5. इंडियन वल्केनाइज्ड रबर (IVR)

यह लेड शीथ्ड वायर की सबसे ऊपरी परत होती है। यह लेयर काफी कठोर होता है। इसलिए का इस्तेमाल तार को अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए किया जाता है और तार के आंतरिक लेयर को सुरक्षा प्रदान करने का काम या लेयर करता है। इस प्लेयर के लग जाने के कारण तार की मजबूती अत्यधिक रूप से बढ़ जाती है जिससे कि तार पर वातावरण का प्रभाव नहीं पड़ता और यह तार ज्यादा दिनों तक चलता है।

इसलिए और को बनाने के लिए रबड़ का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसमें कुछ केमिकल्स को मिलाया जाता है ताकि इसकी हार्डनेस बढ़ाई जा सके।

लेड शीथ्ड वायरिंग क्या है

इस प्रकार की वायरिंग बैटन वायरिंग के समान होती है फर्क सिर्फ इतना है कि जहां बैटन वायरिंग में हम पीवीसी वायर का इस्तेमाल करते हैं वहीं पर इस प्रकार की वायरिंग में शीशे की परत वाली वायर जाने की लेड शीथ्ड वायर का इस्तेमाल करते हैं।

इस प्रकार की वायर का इस्तेमाल करने का मुख्य कारण यह है कि यह वायर अन्य वार की तुलना में आंतरिक रूप से अत्यधिक मजबूत होता है। इस वायर पर आग, नमी, एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं का अधिक असर नहीं पड़ता जिसके कारण इस प्रकार की वायरिंग का इस्तेमाल ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहां पर आद्रता अधिक पाई जाती है।

कांच का आवरण होने की वजह से यह वायर आग से पूर्ण रूप से सुरक्षित है इस प्रकार के वायर पर आग का किसी भी तरह से असर नहीं पड़ता है।

बैटन वायरिंग में वायर को लकड़ी की स्मूथ पट्टी पर क्लिप द्वारा फिट किया जाता है जिसमें हम मुख्य रूप से पीवीसी वायर का इस्तेमाल करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से लेड शीथ्ड वायर से कमजोर होते हैं वही लेड शीथ्ड वायरिंग में पीवीसी वायरिंग का इस्तेमाल ना करके कांच के आवरण वाली वायर का इस्तेमाल करता है।

बाकी वायरिंग की प्रक्रिया बैटन वायरिंग की प्रक्रिया के समान ही होती है। यह आंतरिक वायरिंग नहीं होती बल्कि दीवाल के ऊपर लकड़ी और ठीक की मदद से रोका जाता है। लेड शीथ्ड वायरिंग क्या है अब तक आपको समझ में आ गया होगा तो आइए इस से जुड़े कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारी लेते हैं।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल की सहायता से लेड शीथ्ड वायर क्या है, कैसे बनाया जाता है और इसकी संरचना कैसी होती है इसके बारे में हमने समझा। उम्मीद है आपको इस प्रकार के वायर की संरचना के बारे में जानकारी हो गई होगी और साथ में यह भी सीखने को मिला होगा कि इस प्रकार की वायर का इस्तेमाल किस जगह पर किया जाता है। वायरिंग से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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