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UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14:- भक्ति – नीति माधुरी

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Chapter 14- भक्ति – नीति माधुरी

भक्ति-नीति माधुरी शब्दार्थ

शब्द अर्थ
कोटी करोड़ों
लकुटी लाठी
कामरिया कंबल
बिसारौं भुला देना
तड़ाग तालाब
निहारौंदेखना
कोटिक करोड़ों
कलधौत सोना
करील कीकर
कुंजन कुंजों या झुरमुटों पर
मानस रामचरित मानस
घनेरेअधिक, घने
कृषि खेती
कादर कायर
निधाना खजाना
काम इच्छा
दैव भाग्य
नसाहीं नष्ट होता है
अछतअखण्ड
निदाना अन्त में
सरिस समान
परहित दूसरे की भलाई
आतप धूप
अधमाई नीचता
सुमति अच्छे विचार

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14:- भक्ति – नीति माधुरी

भक्ति – नीति माधुरी रसखान

धूरि भरे …………………………….……….. माखन-रोटी॥

सन्दर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक कलरव के भक्ति-नीति माधुरी नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रसखान जी हैं।

भावार्थ – रसखान जी कहते हैं कि बालकृष्ण धूल में सने हुए अत्यंत सुन्दर लग रहे हैं और इनके सिर पर सुन्दर चोटी भी वैसी ही शोभायमान है। ये आँगन में खेलते फिर रहे हैं। इनकी लँगोटी पीले रंग की है। पैरों में पैजनिया बज रही है। रसखान अपने करोड़ों कार्य छोड़कर कृष्ण की छवि निहारते हैं। रसखान कहते हैं कि वह कौआ बहुत भाग्यशाली है, जो भगवान बालकृष्ण के हाथ से रोटी का टुकड़ा छीनकर ले उड़ा।

या लकुटी …………………………………….…… ऊपर वारौं॥

भावार्थ – रसखान जी कहते हैं कि बालकृष्ण के लाठी और कंबल वाले रूप के सामने तीनों लोकों के राज्य और राजसुख निछावर हैं। इनका कहना है कि बाबा नंद की गाय चराने से जो सुख मिलेगा उसके सामने आठों सिद्धियों और नौ निधियों से प्राप्त सुख भी कुछ नहीं। ब्रज के वनों, बागों और तालाबों को ही निहारते रहना चाहते हैं। करील के बागों बगीचों की शोभा के ऊपर ये सोने के करोड़ों महलों को निछावर करने को तैयार हैं।

भक्ति – नीति माधुरी तुलसीदास

का बरषा ………………………………………. पछिताने ॥१॥

सन्दर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरब’ के ‘भक्ति-नीति माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘तुलसीदास जी’ हैं।

भावार्थ – जब खेती सूख जाए तो वर्षा से कोई लाभ नहीं होता है। इसी प्रकार समय निकल जाने पर, किसी कार्य के न कर सकने पर पछताने से कोई लाभ नहीं होता।

‘पर उपदेश ………………………………………. घनेरे ॥२॥

भावार्थ – दूसरों को उपदेश देने में तो बहुत लोग कुशल होते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत कम हैं जो स्वयं के द्वारा दिए जाने वाले उपदेश से पहले उस पर आचरण करते हैं अर्थात् जो उपदेश देने से पहले उसमें निहित बातों को स्वयं पर लागू करते हैं।

कादर ……………………………………………. पुकारा ॥३॥

भावार्थ – कायर, कमजोर या निकम्मा व्यक्ति केवल ‘भाग्य-भाग्य’ रटता रहता है! वह भाग्य को ही जीवन का आधार मानता है।

हित अनहित ……………………………….…. ग्यान-विधना ॥४॥

भावार्थ – अपनी भलाई और बुराई पशु-पक्षी भी जानते हैं; फिर मानव शरीर धारण करनेवाले प्राणी तो गुण और ज्ञान के खजाने हैं। उन्हें भगवान की आराधना करनी चाहिए।

बिनु सन्तोस …………………….………………. नाहीं ॥५॥

भावार्थ – बिना संतोष के ‘इच्छा’ का अंत नहीं होता। इच्छा अनंत होती है। इसे नियंत्रित किए बिना सपने में भी सुख नहीं मिल सकता।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14:- भक्ति – नीति माधुरी

जहाँ ………………………………………………………… निदाना ॥६॥

भावार्थ – जहाँ सुमति, सुबुद्धि हो, वहाँ श्री, समृद्धि ऐश्वर्य, सुख का भंडार होता है; परन्तु जहाँ कुमति, कुबुधि हो, वहाँ विपत्ति और संकट का खजाना होता है।

परहित ………………………………………………….. अधमाई ॥७॥

भावार्थ – तुलसीदास जी कहते हैं कि परोपकार के समान कोई दूसरा धर्म नहीं। इसके विपरीत, दूसरों को कष्ट देने के समान नीचता भी कुछ और नहीं।

जो अति ……………………………………………….….. सोई ॥६॥

भावार्थ – जो अत्यंत गर्मी से परेशान होकर व्याकुल हो जाता है, वही पेड़ की छाया का सुख अच्छी प्रकार जानता है। अर्थात् कष्ट झेलने वाला ही सुख का महत्व समझता है।

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 14:- भक्ति – नीति माधुरी

भक्ति – नीति माधुरी अभ्यास प्रश्न

भाव-बोध

👉 प्रश्न १:- नीचे लिखी काव्य पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो
(क) ‘धूरि भरे अति सोभित स्याम जू’।
भाव:- धूल से सने बालकृष्ण अत्यंत सुन्दर लगते हैं।

(ख) ‘खेलत खात फिरै अँगना, पग पैजनी बाजति पीरी कछोटी’।
भाव:- बालकृष्ण आँगन में खेलते, खाते फिरते हैं। उनकी लँगोटी पीली है। उनके पैरों में पैजनियाँ बजती हैं।

(ग) “काग के भाग बड़े सजनी, हरि-हाथ सों लै गयौ माखन-रोटी’।
भाव:- रसखान कहते हैं कि कौए के भाग्य बहुत अच्छे हैं, जो भगवान के हाथ से माखन और रोटी छीनकर ले गया।

(घ) ‘या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुर तजि डारौ’।
भाव:- रसखान बालकृष्ण के लाठी और काली कमलीवाले रूप पर तीनों लोकों के राज्य निछावर करते हैं।

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(ङ) ‘कोटिक ये कलधौत के धाम, करील की कुजन ऊपर वारौ।
भाव:- रसखान कहते हैं कि करील के उन बगीचों (जहाँ बालकृष्ण विचरण करते थे) पर सोने के करोड़ों महल निछावर हैं।

(च) समय चूकि पुनि का पछिताने।
भाव:- समय निकल जाने पर, पछताने से कुछ नहीं होता है।

(छ) जे आचरहिं ते नर न घनेरे।
भाव:- दूसरों को उपदेश देने से पहले स्वयं उसका पालन करनेवाले अधिक नहीं है।

(ज) कादर मन कहुँ एक अधारा।
भाव:- कायरों का एक ही सहारा होता है।

(झ) जहाँ कुमति तहँ विपति निधाना।
भाव:- जहाँ कुबुद्धि हो, वहाँ विपत्तियों का अंबार होता है।

(ञ) तरुछाया सुख जानइ सोई।
भाव:- गर्मी से व्याकुल हुए व्यक्ति ही पेड़ की छाया का सुख जानते हैं।

👉 प्रश्न २:- नीचे दिए गए भाव से संबंधित पद की क्रम संख्या लिखो

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👉 प्रश्न ३:- उत्तर दो
(क) कवि रसखान ने कृष्ण की कैसी छवि का वर्णन किया है ?
उत्तर:- कवि रसखान ने आँगन में खेलते, धूल भरे हुए बालकृष्ण की छवि का वर्णन किया है।

(ख) रसखान ने कौए को भाग्यशाली क्यों कहा है ?
उत्तर:- रसखान ने कौवे को भाग्यशाली कहा है; क्योंकि कौआ भगवान के हाथ से माखन रोटी छीनकर ले गया है।

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(ग) कवि तीनों लोकों का राज्य किस बात पर न्योछावर करने को कह रहा है ?
उत्तर:- बालकृष्ण के लाठी और काली कमलीवाले रूप पर कवि तीनों लोकों का राज्य निछावर करने को तैयार है।

(घ) तुलसीदास ने सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ा अधर्म किसे बताया है ?
उत्तर:- तुलसीदास ने दूसरों की भलाई (परोपकार)करना सबसे महान धर्म और दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा अधर्म (घोर नीचता का कार्य) बताया है।

👉 प्रश्न ४:- “पसु’ तद्भव शब्द है, जिसका तत्सम रूप ‘पशु’ है। इसी प्रकार नीचे लिखे तद्भव शब्दों को उनके तत्सम रूपों से जोड़ो – (तत्सम रूप से जोड़कर)

तद्भवतत्सम
सोभित शोभित
कादर कायर
स्याम श्याम
राज राज्य

👉 प्रश्न ५:- नीचे लिखी पंक्तियों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो- (पर्ति करके)
(क) का बरषा जब कृषि सुखाने। समय चूकि फिर का पछिताने।
(ख) बिन सन्तोष न काम नसाहीं। काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं।
(ग) परहित सरिस धरम नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।

👉 प्रश्न ६:- नीचे लिखे शब्दों को उनके शुद्ध रूप के साथ मिलाकर लिखो

अशुद्ध शब्द शुद्ध शब्द
कृसिकृषि
संपति संपत्ति
पसुपशु
कादर कायर
मानुषमनुष्य

अब करने की बारी
उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करें।

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Ajay Sir

Ajay Sir

नमस्कार 🙏🏻🙏🏻 मेरा नाम अजय है और मै एक अध्यापक हूँ !! मै हमेशा बच्चो के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ ! इस वेबसाइट के माध्यम से मै आपको आने वाले सभी सरकारी नौकरियों से अवगत कराने के प्रयास रहेगा !! इसके अलावा अन्य जानकारी मिलती रहेगीं !!